बिना थर्ड-पार्टी कुकी के ऐड रेलेवेन्स डिलीवर करना: ऑडियंस मॉडलिंग के लिए एडवांस तकनीक
18 जून, 2024 | लेखक: डेनियल बरचीसी, अप्लाइड साइंस मैनेजर और गुइलहर्मे इलुंगा, अप्लाइड साइंटिस्ट

हो सकता है कि 2017 में यह मुश्किल बात हो, लेकिन अब हम कुकीज़ से दूर जाने और कंज़्यूमर तक ब्रैंड के मैसेज पहुँचाने के लिए नए, ज़्यादा असरदार सोल्यूशन की ओर बढ़ने के लिए समय से आगे निकल चुके हैं. इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि 2025 में या उसके बाद भी, वर्चुअल तौर पर पूरा वेब, थर्ड-पार्टी कुकीज़ से जुड़ा नहीं होगा और इस बदलाव की तैयारी अच्छी तरह से चल रही है.
इस विकास ने एडवरटाइज़र और ऐड टेक कंपनियों को ऑडियंस के साथ मायने रखने वाले तरीक़े से एंगेज करने के लिए अपनी रणनीति विकसित करने के लिए बाध्य किया है. इन नए तरीक़ों में क्लीन रूम, ब्राउज़र पर आधारित सोल्यूशन और फ़र्स्ट-पार्टी डेटा का फ़ायदा उठाने में रणनीतिक तरीक़े से निवेश करना शामिल हैं. इसके अलावा, संदर्भ के मुताबिक़ टार्गेटिंग और मॉडल किए गए सोल्यूशन जैसे अच्छी तरह तैयार किए गए सोल्यूशन ने कस्टमर को सम्बंधित मैसेज देने की अपनी क्षमता की वजह से एडवरटाइज़र के बीच फिर से लोकप्रियता हासिल की है.
यह टेक्निकल वाइट पेपर मॉडल की गई ऑडियंस के पीछे की प्रेरणाओं और काम करने के तरीक़ों के बारे में बताता है. इसमें मॉडल आर्किटेक्चर, ऑडियंस क्लस्टरिंग, क्रम वाली थ्रेशोल्डिंग और चुनौतियों जैसे ट्रेनिंग कुकी पूर्वाग्रह और डोमेन अडाप्टेशन जैसे टेक्निकल यानी तकनीकी पहलुओं को शामिल किया गया है, जो HAQM Ads टीम के विचार किए गए इनोवेटिव सोल्यूशन पर प्रकाश डालता है.
इस टेक्निकल वाइट पेपर में, आप सीखेंगे कि किस तरह:

HAQM Ads रियल-टाइम में दिलचस्पियों का अनुमान लगाने और सम्बंधित मैसेज देने के लिए यूनीक ख़रीदारी, स्ट्रीमिंग और संदर्भ के मुताबिक़ सिग्नल का फ़ायदा उठाता है.

मॉडल की गई ऑडियंस मॉडल आर्किटेक्चर, ऑडियंस क्लस्टरिंग, क्रम वाली थ्रेशोल्डिंग और मॉडल ट्रेनिंग के आधार पर काम करती हैं.

अलग-अलग इंडस्ट्री के एडवरटाइज़र ने मॉडलिंग टेक्निक पर आधारित ज़्यादा भरोसेमंद ऑडियंस का इस्तेमाल करने के अहम फ़ायदे देखे हैं.